RIP Full Form

हेलो दोस्तों| आज हम आपके लिए लेकर आए हैं एक बहुत ही ख़ास जानकारी| कई बार आपने लोगों को किसी की डेथ हो जाने पर RIP बोलते हुए सुना होगा| लेकिन क्या आप RIP Full Form के बारे में जानते हैं? ऐसे बहुत से लोग होंगे जो RIP Full Form जानते होंगे|

लेकिन कुछ लोग RIP Full Form के बारे में नहीं जानते हैं और google पर इसके बारे में search करते हैं| चलिए आज हम आपको बताते हैं कि RIP Full Form क्या होती है? हम आपको ये भी बताएंगे कि RIP का पहली बार प्रयोग कब और किसने किया| So Let’s Start|

दोस्तों ये दुनिया social media की दुनिया है| आज लोग whatsapp, facebook और twitter पर अपना सबसे ज्यादा समय व्यतीत करते हैं| यहां पर रोज़ नए-नए experiments भी होते रहते हैं| कभी hashtag तो कभी नए-नए words का invention होता रहता है| नेट पर ऐसे ही एक invention हुआ RIP का| RIP Full Form है :-

R – Rest

I – In

P – Peace

कुछ लोग RIP की एक और Full Form बताते हैं :-

R – Returns

I – If

P – Possible

आपने देखा होगा जब भी किसी की डेथ होती है तो लोग social media पर उसकी फोटो या फिर नाम के साथ RIP लिखते हैं| लोग ऐसा मृत व्यक्ति को श्रद्धांजलि देने के लिए करते हैं| RIP का मतलब है की जिसकी डेथ हुई है उसके लिए हम दुआ करते हैं की उसकी आत्मा को ईश्वर के चरणों में स्थान मिले और आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति हो जाए| चलिए अब आपको बताते हैं की इस शब्द को पहली बार कब और किसने use किया था|

दोस्तों आज हम आपको RIP Full Form की जानकारी दे रहे हैं|

History Of RIP

Friends, ये जो आज हम सब R.I.P. word का इस्तेमाल करते हैं इसके इतिहास के बारे में शायद ही आप जानते हों| दरअसल इस शब्द का पहली बार इस्तेमाल हुआ था कब्रों के लिए| वो दौर था पांचवीं शताब्दी का| लेकिन दोस्तों, बाद में इसे ईसाइयों ने व्यापक रूप से केवल दफनाने के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया| 

दोस्तों, रोमन कैथोलिकों का ऐसा मानना है की जब भी किसी की मृत्यु होती है तो उसकी आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना करना बहुत ही आवश्यक होता है| नहीं तो उसकी आत्मा भटकती रहती है| लोगों का कहना है कि RIP लिखने के पीछे ईसाइयों का एक सिद्धांत है| आइए जानते हैं क्या है ये सिद्धांत?

RIP Full Form की जानकारी तो हम आपको इस post में दे ही रहे हैं लेकिन अगर आपको MBBS Full Form के बारे में भी जानना हो तो हमारा ये article जरूर पढ़ें|

क्या है ईसाइयों का सिद्धांत?

बहुत से लोगों का मानना है कि मुस्लिम और ईसाई धर्म के लोग शरीर में विश्वास रखते हैं| उनका मानना है की शरीर अमर है| ये लोग ऐसा मानते हैं की जब भी Judgement Day यानी की क़यामत की रात आएगी उस दिन कब्र में दफन हुए सभी मुर्दे अपने आप जिन्दा हो जाएंगे|

इसलिए दर्शन शास्त्रियों के अनुसार Christan धर्म के लोग RIP इसलिए लिखते हैं क्यूंकि उनका मतलब होता है जब तक क़यामत की रात नहीं आ जाती है और तुम्हारा शरीर पुनर्जीवित नहीं हो जाता है तब तक तुम इस कब्र में शांति से आराम करो| तुम्हें तंग करने कोई नहीं आएगा|

हमारा आज का लेख पढ़कर आपको अच्छे से RIP Full Form के बारे में समझ आ जाएगा|

क्या है हिंदुओं का मत

जिस प्रकार ईसाई धर्म में शरीर को अमर मानते हैं और जलाने के बजाए दफनाते हैं| उसके विपरीत हिन्दू धर्म में ऐसा माना जाता है की ये जो हमारा शरीर है ये नश्वर है| ये एक न एक दिन तो नष्ट होना ही है| 

लेकिन आत्मा अमर है| यही कारण है कि हिन्दुओं में किसी व्यक्ति के मरने के बाद उसके शरीर को जला दिया जाता है| हिन्दू ऐसा मानते हैं की जब शरीर से आत्मा ही चली गई तो ये बेजान शरीर किस काम का?

भगवान श्री कृष्ण ने गीता में भी कहा है : –

वासांसि जीर्णानि यथा विहाय

नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि।

तथा शरीराणि विहाय जीर्णा

न्यन्यानि संयाति नवानि देही।।2.22।।

अर्थ

जिस प्रकार मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्याग कर नए वस्त्र धारण कर लेता है| ठीक उसी प्रकार हमारी आत्मा भी पुराने अर्थात बूढ़े हुए बेजान से हो गए शरीर को छोड़कर नए शरीर को धारण कर लेती है|

हिन्दुओं में मान्यता है की श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश देते समय आत्मा को अमर बताया है| जैसे : –

नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः। न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ॥

अर्थ

मित्रों इस श्लोक में श्री कृष्ण अर्जुन को समझाते हैं कि न तो आत्मा को कोई भी, किसी भी प्रकार का शस्त्र काट सकता है| ना ही आत्मा को अग्नि जला सकती है| न पानी आत्मा को गला सकता है और ना ही वायु इसे कभी सुखा सकती है|

दोस्तों इस श्लोक से हमें पता चलता है की आत्मा अजर अमर है| आत्मा न तो पैदा होती है और न ही मरती है|

कहां से लिया गया RIP Word

RIP Full Form जानने के साथ ही आपको ये भी जानना चाहिए कि RIP शब्द कहाँ से लिया गया है? शायद ही आप में से कोई इस बात को जानता हो कि RIP शब्द लैटिन भाषा के शब्द Requiescat In Peace से लिया गया है|

RIP की जगह कौन सा शब्द इस्तेमाल करें?

कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि हिंदुओं को किसी की मृत्यु होने पर शोक प्रकट करने के लिए कभी भी RIP का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए| इसकी बजाए उन्हें ॐ सद्गति, सद्गति या फिर आप ऐसा भी कह सकते हैं कि मरने वाले की आत्मा को सद्गति प्राप्त हो|

निष्कर्ष (Conclusion)

दोस्तों, आज की इस पोस्ट में आपको हमने RIP Full Form के बारे में बताया| साथ ही हमने आपको ये भी बताया कि RIP शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है| पहली बार इस शब्द को ईसाईयों द्वारा पांचवीं शताब्दी में इस्तेमाल किया गया था| हमने आपसे ये जानकारी भी साझा की है कि गीता में आत्मा को किस श्लोक में अमर बताया गया है| आपसे एक बार फिर मिलेंगे, बहुत ही जल्द कुछ और amazing facts के साथ| तब तक अपना ख़याल रखिए और हमारे articles पढ़ते रहिए| अगर आपको  इन महलों में बसी है एक अलग दुनिया  के बारे में भी जानना हो तो हमारा ये article जरूर पढ़ें|

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